जानिए लिंगुड़ा के बारे में | Janiye linguda ke bare me | About Fiddlehead Ferns

आज के आलेख में हम लिंगुड़ा के बारे में जानेंगे। आपने सायद इसका नाम भी सुना होगा। अगर नहीं भी सुना हो तो हम आपको बतायेंगे कि यह कितने गजब और काम की चीज है।

इस आलेख को पढ़ने के बाद आपको पता लगेगा कि हम तो यूँ ही लिंगुड़ा को नजर अंदाज कर देते हैं। आपको जानकर हैंरानी होगी कि प्रकृति ने कितनी नायाब चीजें इंसान को बक्शी हैं, लेकिन इंसान को इन सबके बारे जानने का वक्त ही कहाँ है।

लिंगुड़ा क्या है? linguda kya hai

लिंगुड़ा एक वनस्पति है जो फर्न प्रजाति में आती है। पहाड़ी इलाकों में प्राकृतिक रूप से मिलने वाली इस वनस्पति को यहाँ के रहनवासी सब्जी के रूप में खाते हैं। लिंगुड़ा की सब्जी को बेहद ही पौष्टिक, स्वादिष्ट और गुणकारी माना जाता है।

Matteuccia struthiopteris  लिंगुड़ा का वानस्पतिक नाम है जिसे अंग्रेजी में Fiddlehead Fern के नाम से भी जाना जाता है। भारत में लिंगुड़ा उत्तराखण्ड, हिमांचल प्रदेश, सिंकिम व असम राज्य में प्रमुखता से पाया जाता है।

विभिन्न राज्यों में स्थानीय लोग इसे अलग-अलग नामों से संबोधित करते हैं। लिंगुड़ा को उत्तराखण्ड में ‘‘लिंगुड़ा’’ या ‘‘लेंगड़ा’’, हिमांचल प्रदेश ‘‘लिंगरी’’ और सिंकिम में ‘‘नियुरो’’ नामों से जाना जाता है।

वर्ष में लिंगुड़ा की उपलब्धताः

हिन्दी कलेण्डर के महिनों के अनुसार जेठ और अषाढ़ के आगमन पर प्राकृतिक रूप से जंगलों और पहाड़ी गघेरों के किनारे नमी वाले स्थानों में लिंगुड़ा उगता है।

कोमल व ऊपर से गोल घुमी कलियों को लोग चुन लेते हैं। लिंगुड़ा की इन कलियों का रंग हरा होता है और इनमें भूरे रंग के रेशे होते हैं। जिन्हें किसी कपड़े कि सहायता से घिसकर आसानी से साफ कर लिया जाता है।

सामान्य रूप से लिंगुड़ा का उपयोगः

पहाड़ी इलाकों के रहनवासी लिंगुड़ा का प्रयोग सब्जी के रूप में करते हैं। कुछ स्थानों में लिंगुड़ा का अचार भी बनाया जाता है, जिसे लोग वर्ष भर प्रयोग करते हैं।

पूर्व में स्थानीय लोगों द्वारा ही लिंगुड़ा की सब्जी खायी जाती थी। लेकिन वर्तमान में स्थानीय लोग जंगलों से चुनकर इसे बाजार में भी बेचने लगे हैं। जिससे उन्हें अतिरिक्त आय भी प्राप्त होती है।

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कृषि में लिंगुड़ा उत्पादन की संभावनाएं:

लिंगुड़ा की बढ़ती मांग को देखते हुये कृषि में एक नकदी फसल के रूप में भी लिंगुड़ा उत्पादन की सम्भावनायें बनती हुई दिखाई देती हैं। इसके लिए केवल एक बार ही लिंगुड़ा के रूठ स्टॉक को खेत में प्लांट करने की आवश्यकता होती है। उत्तराखण्ड में इस दिशा में प्रयोग भी हो रहे हैं। संभव है कि जल्दी ही सकारत्मक परिणाम देखने को मिलेंगे। जिसकेबाद किसानअपने खेतों में लिंगुड़ा कर सकेंगे।

लिंगुड़ा की सब्जी बनाने की परम्परिक विधि linguda sabji:

यदि आप लिंगुड़ा की सब्जी का वास्तविक स्वाद लेना चाहते हैं तो इसके लिए आपको इसकी पारम्परिक विधि को जानना बेहद जरूरी है।

हम आपको उत्तराखण्ड के कुमाऊँ क्षेत्र में प्रचलित लिंगुड़ा की सब्जी बनाने की पारम्परिक विधि बता रहे हैं। अगर आप इस विधि से लिंगुड़ा की सब्जी बनाते हैं तो हम दावा करते हैं कि आप अपनी उँगलियां चाटते रह जायेंगे।
जंगल से चुने ताजा लिंगुड़ा के किसी कपड़े की सहायता से भूरे रेसे साफ कर लीजिए। इसके बाद साफ पानी से दो बार धो लीजिए।

अपनी इच्छानुसार लिंगुड़ा की धुली कलियों को लगभग आधा या एक सेंटीमीटर के टुकड़ो में काट लीजिए। बिना बाहर के रेशे निकाले काटने की भूल कतई न करें इससे सारे रेशे टुकड़ों में चिपक जायेंगे, जिन्हें अलग कर पाना किसी महाभारत से कम नहीं होता।

250 ग्राम लिंगुड़ा की सब्जी बनाने के लिए आपको निम्न सामग्री चाहिएः

देशी घी या सरसों का तेल- 3 से 5 चम्मच
हींग- 1 चुटकी
जीरा- 1/2 चम्मच
बारीक कटा प्याज- 1
लहसून- 5 कली
हल्दी- 1/4 चम्मच
लाल मिर्च- स्वाद एवं इच्छानुसार
धनिया- 1/2 चम्मच
मेथी- 1/2 चम्मच
जखिया- 1/2 चम्मच (उपलब्घता हो तो)
सब्जी मसाला- 1 चम्मच
मलाई या क्रीम- 4 चम्मच
नमक स्वादानुसार
(यहाँ चम्मच का मतलब उस चम्मच से है जिसका प्रयोग हम सामान्य रूप से खाना खाने के लिए करते हैं।)

अब आप लोहे कि एक कढ़ाई में घी या तेल को गर्म कर लीजिए। तेल गर्म होने के बाद उसमें जीरा डालकर भून लीजिए। इसके बाद हींग, बारीक कटी प्याज, लहसून और मेथी को भी भून लीजिए।

इसके बाद आप लिंगुड़ा की कटी सब्जी को कढ़ाई में डालकर हल्की आँच में लगभग 8 से 10 मिनट कौल लीजिए। जिसके बाद लिंगुड़ा के टुकड़े नरम हो जायेंगे। अब आप हल्द, मिर्च, धनिया, नमक व सब्जी मसाला डालकर मिला लीजिए।

इसके बाद किसी प्लेट या ढकन को ढककर हल्की आँच में ही 10 मिनट पका लीजिए। ध्यान रहे पकाते वक्त आपको अलग से पानी नहीं डानना हैं। बीच-बीच में सब्जी को चलाते रहें ताकि वह जले नहीं।

लिंगुड़ा की सब्जी पकने के बाद कढ़ाई को उतार लीजिए और उसमें मलाई या क्रीम मिला लीजिए। अब आप गर्मागर्म रोटी, पराठों या पूरी के साथ लिंगुड़ा की स्वादिष्ट सब्जी का मजा ले सकते हैं।

लिंगुड़ा में पाये जाने वाले पोषक तत्वः

कोमल डंठल या कली वाली लिंगुड़ा में विटामिन ए, विटामिन बी कम्पलैक्स, विटामिन सी, ओमेगा-3, ओमेगा-6, आयरन, पोटाशियम, कापर, मैंगनीशियम, फैटी ऐसिड, फास्फोरस, सोडियम, कैरोटीन व मिनरलस प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं।

उक्त गुण ही लिंगुड़ा को खास बनाते हैं। इसका प्रयोग आपके बेहतर स्वास्थ्य व पोषण के लिए काफी फायदेमंद हो सकता है।

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आलेख: baatpahaadki.com

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