श्रावण मास का आगमन और ‘हरेला’ पर्वः जी रया, जागि रया

हिन्दी पंचांग के अनुसार श्रावण मास के प्रथम दिन को पूरे देशभर में एक त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। देश के अलग-अलग स्थानों में यह दिन अलग-अलग परम्पराओं के अनुसार अलग-अलग त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। ऐसे ही उत्तराखण्ड के कुमाऊं क्षेत्र में यह दिन एक परम्परागत लोक पर्व ‘हरेला’ के …

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आपके लिए खतरा बनता इंटरनेट

तकनीक मानव जीवन को आसान बनाती है। आज हर किसी के हाथों में एक ऐसा शक्तिशाली उपकरण है, जिसने सारी दुनिया को आपकी मुट्ठी में ला दिया है। जब सारी दुनिया आपकी मुट्ठी में होगी तो दुनिया भर की अच्छाईयों के साथ ही दुनिया भर की बुराईयां भी आपके पास आयेंगी। बात उस उपकरण की …

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सरकारी हक हकूक और आम आदमी

हक हकूक शब्द का प्रयोग हमारे पहाड़ी क्षेत्रों में सम्पत्ति पर मालिकाना हक के लिए किया जाता है। वैसे हक हकूक का विशेष तात्पर्य पुस्तैनी चली आ रही सम्पत्ति से अधिक लिया जा सकता है। अब इसमें कृषि भूमि हो या घर या फिर कोई व्यावसायिक भूमि, जो पीढ़ियों से वारिसन चली आ रही हों …

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आजादी के सही मायने

इस 15 अगस्त, 2023 को हम स्वतंत्रता दिवस की 77वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। यही कोई 200 साल की गुलामी के बाद 15 अगस्त, 1947 को ब्रिटिश औपनिवेशिक गुलामी से हम छूट सके। जिस आजादी पर हम इतराते हैं, खुशी मनाते हैं, मिठाईयां बांटते हैं। वह उन वीरों का हमें दिया हुआ तोहफा है, जिन्होंने …

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समय और माननीय के तुगलकी बयान

इस संसार में यदि किसी की सबसे अधिक कीमत है तो वह समय है। यह कई सारी चीजों की कीमत बढ़ाने में सक्षम है तो वहीं किसी की बढ़ी हुई कीमत को गिराने की ताकत भी रखता है। चाहे बाजार के शेयर हो या सोना या फिर सत्ताधारी सरकार और उसके नेता समय ही सबकी …

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बाजार के दाम और पहाड़ का किसान

एक ओर बाजार में जहां सब्जियों और फलों के दाम आसमान छू रहे हैं, वहीं दूसरी ओर किसान मण्डी में अपने द्वारा उत्पादित फल और सब्जियों के दाम न मिलने के कारण रो रहा है। हाय रे सरकार यह कैसा न्याय? यह हाल उत्तराखण्ड के पहाड़ी क्षेत्र नैनीताल के रामगढ़, धारी और ओखलकांडा विकासखण्ड के …

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स्त्रियों के साथ अमानवीय व्यवहार कब तक?

अधिकार और कर्तव्य, ये वे शब्द हैं जिन्होंने मानव सभ्यता को हमेशा प्रभावित किया है। अधिकार शब्द का प्रयोग हम हक जमाने के लिए करते हैं। वहीं कर्तव्य करने की अपेक्षा हमेशा दूसरों से की जाती है। समय के साथ विकसित होते मानव मस्तिष्क ने इन शब्दों को परिभाषित करने का प्रयास किया। वैश्विक औपनिवेशवाद …

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उत्तराखण्ड में ग्राम पंचायतों का वर्तमान परिदृश्य

उत्तराखण्ड में ग्राम पंचायतों का वर्तमान परिदृश्य उत्तराखण्ड की ग्राम पंचायतों में सुशासन व पंचायत प्रतिनिधियों की वर्तमान स्थिति एवं ग्राम पंचायत में सुशासन को सुद्रण करने व ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों को सक्षम बनाने सम्बंधी आलेख आज जहाँ पूरे देश में अलग-अलग मुद्दों को लेकर त्वरित प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। लोग सरकार की …

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