अपने लिए सही टर्म इंश्योरेंस कैसे चुनें | Apne liya Sahee Term Insurance Kaise Chunen | How to choose the right Term Insurance 

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दोस्तो नमस्कार,
आप जब भी कभी कोई गाड़ी, घर या कोई भी महंगी चीज खरीदते हैं तो सबसे पहले आप उसका इंश्योरेंस यानि बीमा करा लेते हैं। आज के समय में तो लोग अपने जानवर और अपनी फसल का भी बीमा करा रहे हैं।

वही जब आपके खुद के इंश्योरेंस की बात आती है तो आप टाल देते हैं। ऐसा क्यों होता है कि हम अपनी वस्तुओं के इतर अपनी व अपने परिवार जनों की वेल्यू को नजर अंदाज कर देते हैं?

हम अपने परिवार के लिए तथा हमारे परिवार का हर सदस्य हमारे लिए उस हरेक वस्तु एवं सम्पत्ति से कहीं अधिक महत्वपूर्ण होता है, जिसका हम दैनिक रूप से इंश्योरेंस करा रहे होते हैं।

वहीं दूसरी ओर अधिकतर ऐसे लोग जो स्वयं का इंश्योरेंस यानि बीमा कराते भी हैं, वह सही इंश्योरेंस पॉलिसी का चुनाव ही नहीं कर पाते हैं। वह इंश्योरेंस को एक निवेश के रूप में शुरू कर बैंठते हैं।

परिणाम स्वरूप जब कभी आपके साथ कोई दुर्घटना या जीवन की हानि हो जाती है, तो उस वक्त आपके नौमिनी या परिवार को एक बहुत ही छोटी रकम मिलती है। यह रकम सायद ही आपके परिवार की जीवन शैली को बरकरार रखने में मददगार हो।

ऐसे में आपके जहन में यह प्रश्न उठ रहा होगा कि, करें तो क्या करें? या फिर आप एक सही इंश्योरेंस पॉलिसी लेने की सोच रहे हो।

दोस्तो मैं पिछले कुछ दिनों से इस विषय में रिसर्च कर रहा था। क्योंकि मुझे खुद के भी एक इंश्योरेंस पॉलिसी चाहिए। अपनी रिसर्च में मैंने पाया कि टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी इंश्योरेंस की दृष्टि से सबसे बेहतरीन उत्पाद है।

लेकिन जब मैंने टर्म इंश्योरेंस के लिए अपनी रिसर्च स्टार्ट की तो गूगल और यूट्यूब ने मुझे बहुत सारी कम्पनियों के विज्ञापन भर-भर के दिखाने शुरू कर दिये। जिसमें HDFC, ICICI, SBI, LIC जैसी और भी न जाने कितनी कम्पनियों के विज्ञापन थे।

ये सारी कम्पनियां अपने टर्म इंश्योरेंस को सबसे बेहतर बता रही थी। बापरे इन कम्पनियों के विज्ञापन देख- देख कर तो एक बार के लिए मैं खुद भी कन्फ्यूज होने लगा।

टर्म इंश्योरेंस क्यों?

टर्म इंश्योरेंस का मतलब यह है कि अगर इंश्योरेंस कराने के बाद आपको कुछ हो जाता है, तो ऐसे में इंश्योरेंस कम्पनी आपके बाद आपके नोमिनी या आपके परिवार को इंश्योरेंस में निर्धारित रकम देती है।

जिससे आपके परिवार की फाईनेशियल जरूरतें जैसे बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य, बच्चों की शादी और घर चलाने जैसी महत्वपूर्ण जरूरतें पूरी करने में मदद मिलती हैं। किन्तु यह तभी संभव है जब आपने एक सहीं इंश्योरेंस पॉलिसी का चुनाव किया हो।

अगर क्लेम लेते समय किन्हीं कारणों से आपकी इंश्योरेंस कम्पनी ने क्लेम देने से मना कर दिया तो, आज आपका इंश्योरेंस पॉलिसी लेना भी वेस्ट है और आप अपने परिवार की फाइनेंशिल सुरक्षा को भी खतरे में डाल रहे हैं।

एक सही टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी का चुनाव कैसे करें?

मैंने इस क्षेत्र में काफी गहरायी से रिसर्च की और उन बेहद जरूरी पौरामीटरों को खोज निकाला जिससे मैं अपने और आपके लिए एक सही टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी का चुनाव कर सकूँ।

मुझे लगता है कि मेरे द्वारा खुद के लिए जुटाई गई यह जानकारी, आपको भी खुद के लिए इंश्योरेंस की जरूरत को समझने में मदद कर सकती है। इसके साथ ही आप अपनी आवश्यकता के अनुसार एक सही टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी भी चुन सकते हैं।

एक सही टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने से पहले आपको आगे बताए गए पौरामीटरों पर ध्यान देना बेहद जरूरी है। जिससे आप अपने हजारों रूपये भी बचा सकते हैं। आईए जानते हैं कि वह जरूरी पौरामीटर कौन से हैं-

टर्म इंश्योरेंस में टर्म का मतलब समझें

टर्म का मतलब यह है कि आप एक निर्धारित अवधि यानि Certain Age तक का ही इंश्योरेंस ले सकते हैं। जीवन भर का इंश्योरेंस आपको नहीं मिल रहा है।

लेकिन यहाँ आपको घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि इंश्योरेंस की दुनियां में होल लाईफ इंश्योरेंस नाम का भी इंश्योरेंस होता है। जिसके अपने फायदे हैं।

हालांकि होल लाईफ इंश्योरेंस का प्रीमियम टर्म इंश्योरेंस के मुकाबले 6 से 7 गुना या कई ममलों में इससे भी अधिक महंगा होता है।

टर्म इंश्योरेंस कराने से पहले आपको अपने आप से यह पूछना है कि आपकी वह कौन सी उम्र होगी, जब आपके ऊपर कोई डिपेंडेंट नहीं होगा।

उदाहरण के लिए मान लेते हैं कि वह उम्र 65 साल है। इस उम्र तक आपके बच्चे लगभग 30 साल के हो चुके होंगे। वह अपने पैरों में खड़े हो चुके होंगे और आपके ऊपर कोई डिपेंडेंट भी नहीं होगा।

अब जब आपके ऊपर कोई डिपेंडेंट ही नहीं है तो आपको इंश्योरेंस की जरूरत भी नहीं है। लेकिन कुछ लोग इसके बाद भी भावुकता में आकर या इंश्योरेंस ऐजेंट की बातों में आकर होल लाईफ इंश्योरेंस ले लेते हैं। जिसका बहुत अधिक फायदा आपको मिल सकता है ऐसा कहना सायद ठीक राय नहीं होगी।

अगर फिर भी आप होल लाईफ इंश्योरेंस पॉलिसी लेना ही चाहते हैं तो यह निर्णय आपका होगा और आप चाहें तो नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक कर कुछ अच्छे लाईफ इंश्योरेंस प्लानों की जानकारी भी ले सकते हैं।

टर्म इंश्योरेंस को Best Insurance क्यूँ कहा जाता है?

टर्म इंश्योरेंस को Best Insurance इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें आपको कवर बहुत हाई यानि बहुत अधिक मिलता है। अब आप सोच रहे होंगे कि यह कवर कितना हाई मिलता होगा? तो यह कवर आपकी इंनकम का 25 गुना तक मिल जाता है।

इसे कुछ इस प्रकार से समझा जा सकता हैं कि अगर आप 1 साल में 5 लाख रूपये कमाते हैं, तो आपको 1 करोड़ का टर्म इंश्योरेंस मिल सकता है। और अगर भविष्य में आपकी इनकम बढ़ जाती है तो आप अपने इंश्योरेंस को भी बढ़ा सकते हैं।

टर्म इंश्योरेंस का प्रीमियम आपकी उम्र पर निर्भर करता है

यहां आपको एक बात समझने की जरूरत है कि टर्म इंश्योरेंस का प्रीमियम आपकी आयु पर निर्भर करता है।
अगर आपकी उम्र 25 वर्ष है तो आपको लगभग सभी कम्पनीयां लगभग 900 से 1000 रूपया मासिक प्रीमियम पर 1 करोड़ का टर्म इंश्योरेंस देती हैं।

आप जितनी कम उम्र में इंश्योरेंस ले लोगे आपका प्रीमियम भी उधर ही फिक्स हो जायेगा और भविष्य में वह कभी नहीं बड़ेगा। इस लिए आप जितनी जल्दी टर्म इंश्योरेंस लेंगे उतना ही आपको फायदा होगा।

अब इस 900-1000 रूपये के प्रीमियम के साथ में अगर आप 1 या 2 राईडर भी ले लेते हैं (जिनके फायदे मैं आगे आपको बताऊँगा) तो आपका प्रीमियम 1500 के आस-पास पहुँच जायेगा।

इसका मतलब यह हुआ कि आप 1 करोड़ रूपये के टर्म इंश्योरेंस के लिए सालाना लगभग 15 से 16 हजार रूपये ही खर्च करेंगे जो कि आपके लिए एक अच्छी बात होगी।

अगर यही 1 करोड़ रूपये का इंश्योरेंस आपको होल लाईफ में चाहिए तो आपको 6 से 7 हजार रूपये माहिना खर्च करना पड़ेगा जो मेरे हिसाब से ठीक नहीं है।

अगर आपके पास अतिरिक्त पैसा है और आप उसे खर्च कर ज्यादा लाभ कमाना चाहते हैं तो आप इस पैसे को सही जगह पर निवेश कीजिए।

रिस्क फ्री निवेश योजनाओं की जानकारी के लिए नीचे दिये गये लिंक पर जाकर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं-

टर्म इंश्योरेंस, ULIPs और Endowment इंश्योरेंस पॉलिसी में अंतर को समझें

अगर आपने कभी किसी इंश्योरेंस ऐजेंट से बात की है तो आपने ULIPs और Endowment पॉलिसी का नाम जरूर सुना होगा। यह प्लान टर्म इंश्योरेंस से बिल्कुल उलट होते हैं। इनमें 10 लाख के इंश्योरेंस के लिए आपको लगभग 50 हजार रूपये सालाना तक प्रीमियम देना पड़ता है।

लेकिन ULIPs और Endowment पॉलिसी को निवेश विकल्प के रूप में चुना जाता है। जहाँ टर्म इंश्योरेंस में अवधि पूर्ण होने के बाद आपको कोई रिटर्न नहीं मिलता, वही ULIPs और Endowment पॉलिसी में आपको इंश्योरेंस कवर के साथ ही मैच्योरिटी का लाभ भी मिलता।

आपको यह जान लेना चाहिए कि आपको अपने और आपने परिवार के हित एवं सुरक्षा के लिए अगर 1 करोड़ रूपये का इंश्योरेंस चाहिए तो चाहिए, जो ULIPs या Endowment पॉलिसी आपको नहीं दे सकती।

अब आपको यह पता चल गया होगा कि, टर्म इंश्योरेंस किसी भी अन्य इंश्योरेंस पॉलिसी के मुकाबले कितना फायदेमंद है और आपके लिए कितना जरूरी है।

टर्म इंश्योरेंस खरीदने के लिए पात्रता

दोस्तो केवल कुछ हजार रूपये देकर 1 करोड़ या 50 लाख का इंश्योरेंस मिलने कि बात सुनकर हर किसी के मन में टर्म इंश्योरेंस खरीदने का विचार आता है।

कम से कम आय कमाने वाला व्यक्ति भी इतना तो कमा ही लेता है कि वह टर्म इंश्योरेंस की प्रीमियम का भुगतान कर ले। लेकिन क्या हर कोई व्यक्ति टर्म इंश्योरेंस ले सकता है? जी बिल्कुल नही।

आपको अगर टर्म इंश्योरेंस लेना है तो आपको नीचे दिये गये क्राइटेरिया को पूरा करना पड़ेगा। अगर आप यह नहीं कर सकते तो आपको टर्म इंश्योरेंस नहीं मिलेगा।

दोस्तो 1 करोड़ या 50 लाख का टर्म टर्म इंश्योरेंस लेने के लिए-

  • आपको अपना इंनकम प्रुफ देना होगा जिसके लिए सैलरी स्लिप या 3 वर्षों का इंनकम टैक्स रिटर्न देना होगा।
  • आपको 1 करोड़ का टर्म इंश्योरेंस कराने के लिए न्यूनतम् 7 लाख की सालाना आय का प्रुफ देना होगा।
  • 50 लाख का टर्म इंश्योरेंस खरीदने के लिए आपको कम से कम 3 लाख की सालाना आय का प्रुफ देना होगा।
  • अगर आप 3 से 7 लाख तक की सालाना इंनकम करते भी हैं और आप प्रुफ के रूप में सैलरी स्लिप या 3 वर्षों का इंनकम टैक्स रिटर्न नहीं दे सकते तो आपको कोई भी कम्पनी टर्म इंश्योरेंस नहीं देगी।
  • आपको अपना सालाना इंनकम प्रुफ देना ही होगा।

मुझे पता है कि मेरे कयी ऐजेंट भाईयों अथवा इंश्योरेंस कम्पनीयों को मेरे द्वारा दी गयी यह जानकारी सायद पसंद नहीं आये।

लेकिन मेरा तथा इस वेब साइट उद्देश्य किसी ऐजेंट या कम्पनी को खुश करना नहीं है, वरन अपने पाठकों तक सहीं जानकारी देना है।

टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए सही कम्पनी का चुनाव

दोस्तों आपके न होने की स्थिति में इंश्योरेंस कम्पनी पॉलिसी का क्लेम आपके नोमिनी को बिना किसी परेशानी के दे, इस लिए टर्म इंश्योरेंस खरीदने से पहले सही इंश्योरेंस कम्पनी का चुनाव बहुत ही महत्वपूर्ण है।

टर्म इंश्योरेंस खरीदने से पहले कम्पनी के बारे में यह जरूर जानें-

1- पॉलिसी क्लेम सैटेलमैंट रेसियो जानें (Claim Settlement Ratio by Policy)

अब आप कहेंगे कि यह क्लेम सैटेलमैंट रेसियो किस बला का नाम है या यह क्या होता है? तो उदाहरण के लिए मान लीजिए कम्पनी के पास 100 क्लेम आये। उसमें से 98 क्लेम कम्पनी ने पास कर दिये और 2 क्लेम को रिजेक्ट कर दिया, तो कम्पनी का क्लेम सैटेलमैंट रेसियो बना 98 प्रतिशत। जो कि बहुत अच्छा है।

क्लेम सैटेलमैंट रेसियो कैसे चैक करें?

दोस्तो वैसे तो क्लेम सैटेलमैंट रेसियो IRDA की रिपोर्ट में पब्लिस होता है, लेकिन ज्यादातर अच्छी कम्पनीयों के क्लेम सैटेलमैंट रेसियो काफी अच्छे हो गये हैं जो 96 से 99 प्रतिशत तक हैं।

यह कम्पनीयां अपने क्लेम सैटेलमैंट रेसियो को अपनी वेबसाइट में भी पब्लिस करती हैं। जिससे आपको जानकारी मिल सकती है या आप किसी अच्छे एग्रीगेटर जैसे पॉलिसी बाजार डॉट काम जैसी वेबसाइट से भी यह जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

आपकी सुविधा के लिए नीचे दी गई टेबल में IRDA की रिपोर्ट के अनुसार टॉप 10 क्लेम सैटेलमैंट रेसियो वाली कम्पनीयों का डेटा दिया जा रहा है-

LICTATA AIABHARTI AXAAEGONAVIVAMAX LIFEHDFCICICIKOTAKADITYA BIRLA
97%99%97%96%96%98%99%98%97%97%

क्लेम सैटेलमैंट रेसियो का सही वर्णन IRDA द्वारा अपनी रिपोर्ट में प्रतिवर्ष किया जाता है। अतः उक्त आंकड़ों में आंशिक परिवर्तन संम्भव है। इस लिए टर्म इंश्योरेंस खरीदने के लिए कम्पनी का चुनाव करने से पूर्व एक बार अपने स्तर से सम्बंधित कम्पनी के क्लेम सैटेलमैंट रेसियो की जाँच अवश्य कर लें।

लेकिन अब समस्या यह है कि हर कम्पनी आपना क्लेम सैटेलमैंट रेसियो अच्छा दिखाने का प्रयास करती है। क्योंकि उसे पता होता है कि ग्राहक सबसे पहले उसका क्लेम सैटेलमैंट रेसियो ही चैक करने वाला है।

इसके लिए आपको एक और चीज जानने की जरूरत होती है वह है एमाउंट सैटेलमैंट रेसियो।

2- एमाउंट सैटेलमैंट रेसियो क्या है? (Amount Settlement Ratio)

एमाउंट सैटेलमैंट रेसियो को कुछ इस प्रकार समझा जा सकता है, उदाहरण के लिए मान लो कि कम्पनी के पास 100 क्लेम आये और उसने 98 क्लेम पास कर दिये और 2 क्लेम रिजेक्ट कर दिये।

अब मान लो उन 100 क्लेमों की कुल वेल्यू 10 करोड़ रूपये थी। अब जिन 2 क्लेमों को कम्पनी ने रोका उनकी वेल्यू 50-50 लाख रूपया थी। इस प्रकार कम्पनी के पास कुल 10 करोड़ रूपये का क्लेम आया और उसने जो क्लेम पास किया वह 9 करोड़ रूपया ही था।

अब इस आधार पर एमाउंट सैटेलमैंट रेसियो निकाले तो यह 90 प्रतिशत होगा। यानि कम्पनी का एमाउंट सैटेलमैंट रेसियो 90 प्रतिशत ही होगा।

इसका दूसरा मतलब यह भी हुआ कि कम्पनी के लिए क्लेम सैटेलमैंट रेसियो अधिक दिखाना आसान है। वह 100 में से छोटे-छोटे क्लेम पास कर सकती है और बड़े क्लेम रोक सकती है। इससे कम्पनी का क्लेम सैटेलमैंट रेसियो अच्छा दिखेगा। लेकिन उसका एमाउंट सैटेलमैंट रेसियो अच्छा नहीं दिखता है।

इस लिए आपको यह भी पता करना है कि क्लेम सैटेलमैंट रेसियो अच्छा होने के साथ ही कम्पनी का एमाउंट सैटेलमैंट रेसियो भी अच्छा होना चाहिए। एमाउंट सैटेलमैंट रेसियो की जानकारी भी आपको IRDA की वार्षिक रिपोर्ट से प्राप्त होती है।

आपकी सुविधा के लिए नीचे दी गई टेबल में IRDA की रिपोर्ट के अनुसार टॉप 10 एमाउंट सैटेलमैंट रेसियो वाली कम्पनीयों का डेटा दिया जा रहा है-

LIC

TATA AIABHARTI AXAAEGONAVIVAMAX LIFEHDFCICICIKOTAKADITYA BIRLA
95%96%95%95%95%94%91%92%92%

89%

अभी तक के आंकड़ों को अगर देखें तो आप देखेंगे कि TATA AIA टॉप 10 कम्पनीयों की सूची में सबसे ऊंचे पायदान पर है।

अब हम टर्म इंश्योरेंस के लिए इन्ही टॉप 10 कम्पनीयों में से किसी एक को चुनने के लिए कुछ और पैरामीटर के आधार पर सबसे अच्छी इंश्योरेंस कम्पनी खोजने का प्रयास करेंगे। बाकी को हम ठंडे बस्ते में डाल देंगे।

3- क्लेम रिजेक्शन रेसियो की जाँच करें (Claim Rejection Ratio)

अब आपको जो तीसरा पैरामीटर चैक करना है, वह क्लेम रिजेक्शन रेसियो है। कई बार क्या होता है कि कम्पनी के पास बहुत सारे क्लेम आ जाते हैं जिससे कुछ क्लेम अभी भी प्रोसेस में होते हैं, और वह सैटेलमैंट रेसियो में नहीं दिखते हैं।

आपको यह भी जानना जरूरी है कि कम्पनी ने 100 में से कितने क्लेम रिजेक्ट करे। इन्हीं 100 में से रिजेक्ट किये गये क्लेमों का प्रतिशत क्लेम रिजेक्शन रेसियो कहलाता है।

अब हम यहां उन्हीं कम्पनीयों को अपने टर्म इंश्योरेंस के लिए चुनेंगे, जिनका क्लेम रिजेक्शन रेसियो 1 प्रतिशत से कम होगा।

तो आईए देखते हैं कि हमारी टॉप 10 कम्पनीयों में से किसका क्लेम रिजेक्शन रेसियो 1 प्रतिशत से कम है-

LIC

TATA AIABHARTI AXAAEGONAVIVAMAX LIFEHDFCICICIKOTAKADITYA BIRLA
0.43%0.93%2.07%3.55%2.13%1.24%0.52%1.18%2.21%

2.40%

उक्त कम्पनीयों में 1 प्रतिशत से ज्यादा क्लेम रिजेक्शन रेसियो वाली कम्पनीयों को अलग कर दिया जाय तो हमारे पास यह 3 कम्पनीयां LIC, TATA AIA और HDFC ही बचती हैं।

4- कम्पनी के AUM यानि Assets Under Management की जांच करें

इसके बाद हमें जिस अगले पैरामीटर की जांच करेंगे वह है कम्पनी का AUM यानि Assets Under Management, इसका मतलब यह होता है कि कम्पनी कितना पैसा मैंनेज कर रही है। क्योंकि कम्पनी जितना ज्यादा पैसा मैंनेज करेगी, वह मंदी के समय लोगों को उतना ही ज्यादा क्लेम देने की क्षमता भी रखेगी।

निचे दी गई टेबल में हमारे द्वारा सार्ट लिस्ट की गई कम्पनीयों का AUM यानि Assets Under Management दिया जा रहा हैं- (आंकड़े करोड़ में)

LIC

TATA AIAHDFC
204265116333

37671

उक्त कम्पनीयों का AUM देखने से पता चलता है कि LIC का AUM सबसे अधिक 2042651 करोड़ रूपया है, जो कि सबसे अधिक है। इसके बाद दूसरे नम्बर पर HDFC का 37671 करोड़ रूपया और तीसरे नम्बर पर TATA AIA का 16333 करोड़ रूपया है।

उक्त तीनों ही कम्पनी के AUM काफी अच्छे हैं। अंत में आपको एक और पैरामीटर चैक करना है वह है Solvency Ratio।

5- Solvency Ratio क्या है?

Solvency Ratio का मतलब है कि कम्पनी की जितनी देनदारी हैं उसका कितना गुना उसके पास एसैंटस् पड़े हैं। नियम के अनुसार यह कम से कम 150 प्रतिशत होना ही चाहिए।

इसलिए हरेक कम्पनी को 1.5 का रेसियो बनाये रखना अनिवार्य होता है। ताकि भविष्य में जरूरत पड़ने पर क्लेम भुगतान के लिए कम्पनी के पास पर्याप्त पैसा हो।

Solvency Ratio हर तिमाही में बदलता रहता है और कम्पनीयों को इसे बनाये रखना होता है। इसलिए Solvency Ratio इतना मायने नहीं रखता है। लेकिन फिर भी हम चाहेंगे की यह ज्यादा से ज्यादा हो।

आपकी सुविधा के लिए मैं उक्त टॉप 3 कम्पनीयों का Solvency Ratio नीचे टेबल में दे रहा हूँ-

LIC

TATA AIAHDFC
1.602.68

1.88

उक्त तीनों ही कम्पनीयों का Solvency Ratio काफी अच्छा है, लेकिन फिर भी TATA AIA का Solvency Ratio तीनों में ही सबसे अच्छा है।

अब आप उक्त में से किसी 1 कम्पनी से टर्म इंश्योरेंस लेना चाहेंगे, तो यह निर्णय मैं आप पर छोड़ता हूँ।

लेकिन अगर आप मेरी व्यक्तिगत् रॉय जानना चाहते हैं तो आपको इस आलेख को थोड़ा और नीचे तक पढ़ना होगा।
क्योंकि आगे मैं आपको टर्म इंश्योरेंस के साथ लिए जाने वाले अतिरिक्त राईडर की जानकारी देने वाला हूँ जिन्हें आप अपने टर्म इंश्योरेंस के साथ लेकर और अधिक लाभ ले सकते हैं।

टर्म इंश्योरेंस के साथ राईडर अवश्य लें

टर्म इंश्योरेंस के साथ राईडर ऐड ऑन के रूप में लिए जा सकते हैं, जिनका फायदा आपको कुछ खास परिस्थियों में मिलता है। यह राईडर कौन से हैं चलिए जानते हैं-

1- गंभीर बीमारी राईडर (Critical Illness Rider)

Critical Illness Rider का मतलब यह होता है कि आप अतिरिक्त कोई इंश्योरेंस लेते हैं जिसका लाभ आपको तभी मिलता है जब आपको कोई गंभीर बीमारी हो जाती है।

अधिकतर लोग Critical Illness Rider को अपने हेल्थ इंश्योरेंस के साथ लेते हैं। लेकिन मेरा सुझाव है कि आप इसे टर्म इंश्योरेंस के साथ लें। क्योंकि टर्म इंश्योरेंस का प्रीमियम कभी बड़ेगा नहीं, वही हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम आपकी उम्र के साथ बड़ता रहता है।

लेकिन Critical Illness Rider की धनराशि का चुनाव बहुत ज्यादा न चुनें। क्योंकि आपका हेल्थ इंश्योरेंस में एक समय के साथ Critical Illness कवर होने लगती है।

2- दुर्घटना विकलांगता राईडर (Accidental Disability Rider)

टर्म इंश्योरेंस के साथ लिया जाने वाला दूसरा राईडर है Accidental Disability Rider, माना कोई ऐसी दुर्घना हो जाय और उसमें उस व्यक्ति के हाथ-पैर काम करना बंद कर दें तो ऐसे में उसके परिवार को फाईनेंशियल सपोर्ट की जरूरत तो होगी। इस स्थिति से निपटने के लिए Accidental Disability Rider बड़ा मददगार हो सकता है।

आप अपनी जरूरत के अनुसार 20-30 लाख या इससे अधिक का राईडर ले सकते हैं। लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि जितना ज्यादा राईडर लेंगे आपका प्रीमियम भी उतना ही बड़ेगा। यहाँ आप अपने विवेक से निर्णय लें तो ही ठीक रहेगा।

टर्म इंश्योरेंस के क्लेम रिजेक्ट क्यों होते हैं?

दोस्तो टर्म इंश्योरेंस के क्लेम रिजेक्शन के कई कारण होते हैं जिसमें से कुछ निम्न प्रकार हैं-

1- टर्म इंश्योरेंस खरीदते वक्त फार्म में मांगी गई जानकारी के गलत होने पर

पॉलिसी कराते समय इंश्योरेंस कम्पनी आपसे बहुत से सवालों के जवाब मांगती है। जिसके आधार पर कम्पनी आपका प्रीमियम निर्धारित करती है।

उदाहरण के लिए- क्या आप धुम्रपान करते हैं? क्या आप शराब पीते हैं? आपकी मेडिकल हिस्ट्री क्या है? आदि।

अकसर लोग अपना प्रीमियम बचाने के चक्कर में इन सवालों का गलत जवाब दे देते हैं और जब क्लेम का समय आता है तो इंश्योरेंस कम्पनी काफी बारीकी से जाँच करती हैं। जिसमें उन्हें आपके द्वारा दी गयी गलत जानकारी का पता चलता है, और आपका क्लेम रिजेक्ट कर दिया जाता है।

इसलिए इंश्योरेंस कराते वक्त आपको फार्म में पूछे गये हर सवाल का जवाब सही देना चाहिए। इससे आपको थोड़ा अतिरिक्त प्रीमियम देना पड़ सकता है, लेकिन आपका क्लेम रिजेक्ट नहीं होगा।

2- इंश्योरेंस खरीदते वक्त जमा कराये गये दस्तावेजों के गलत होने से

मान लीजिए इंश्योरेंस खरीदते वक्त आपने जो दस्तावेज कम्पनी को दिये हैं, उनमें आपकी उम्र कम है और वास्तव में आपकी उम्र अधिक है। इस स्थिति में भी कम्पनी आपका क्लेम रिजेक्ट कर सकती है।

इस लिए इंश्योरेंस खरीदते वक्त सही दस्तावेज ही कम्पनी को दें। किसी भी हालात में गलत दस्तावेज न दें या उनमें हेरफेर न करें।

तो दोस्तो आपको अब ठीक से समझ आ गया होगा कि क्लेम क्यों रिजेक्ट होता है, आप आप क्लेम रिजेक्ट होने से कैसे बच सकते हैं।

प्रीमियम भुगतान के लिए केवल रेगुलर प्रीमियम भुगतान का ही चुनाव करें

दोस्तो इंश्योरेंस कम्पनीयां आपको कई प्रकार के प्रीमियम भुगतान के विकल्प देती हैं। जिसमें आपको कयी फायदे गिनाकर आपसे दुगुना प्रीमियम या बढ़ता हुआ प्रीमियम चुनने को कहा जाता है।

इससे आपको फायदा कम नुकसान ज्यादा होता है। क्योंकि इसके लिए आपको दुगुना प्रीमियम तक देना पड़ता है। आपके लिए अच्छा यह होगा कि आप केवल रेगुलर प्रीमियम भुगतान का ही चुनाव करें।

टर्म इंश्योरेंस कहां से खरीदें

दोस्तो आप अपने लिए टर्म इंश्योरेंस दो माध्यमों से खरीद सकते हैं, किसी ऐजेंट के माध्यम से अथवा ऑन लाइन। आपको इनमें से जो बिकल्प अच्छा लगता है आप उससे इंश्योरेंस खरीद सकते हैं।

अंत में मेरा व्यक्तिगत सुझाव कि आपको किस कम्पनी का टर्म इंश्योरेंस खरीदना चाहिए। तो मैं आपको LIC से टर्म इंश्योरेंस खरीदने की सलाह दूंगा। क्योंकि LIC भारत सरकार द्वारा संचालित कम्पनी होने के साथ ही सबसे विश्वसनीय कम्पनी भी है।

इसके साथ ही यह लगभग हर पैरामीटर के अनुसार अच्छी कम्पनी मानी जा सकती है। शेष आपका अपना निर्णय कि आप किस कम्पनी का टर्म इंश्योरेंस खरीदना चाहते हैं।

दोस्तों मेरा यह आलेख आपको अपने लिए एक अच्छा टर्म इंश्योरेंस खरीदने में मदद करेगा ऐसा मुझे लगता है।

तो दोस्तों आशा है टर्म इंश्योरेंस के बारे में आपके अधिकतर सवालों के जवाब आपको जरुर मिले होंगे। आपको “सही टर्म इंश्योरेंस कैसे चुनें “ विषय पर दी गई यह जानकारी कैसी लगी हमें जरूर बताईये। 

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आलेख:

baatpahaadki.com

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