दोस्तो नमस्कार!
अगर आप एक ग्रहक हैं तो यह जानकारी आपके काम की है। यह जानकारी किसी भी ग्राहक के साथ हुई धोखा-धड़ी, फ्राड या किसी भी प्रकार की जालसाजी की स्थिति में आपके काम आयेगी।

हम आपको वह तरीका बताने जा रहे हैं, जिससे आप घर बैठे अपनी शिकायत पर बिना एक रूपया खर्च करे सुनवाई करवा सकते हैं। शिकायत के साथ ही आपको हुये नुकसान के लिए दावा भी प्रस्तुत किया जा सकता है।

अगर आपके पास एक उपभोक्ता शिकायत है, तो आप घर बैंठे भारत सरकार के उपभोक्ता मामलों के विभाग की आधिकारिक वेबसाइट अथवा राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन (NCH) में अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

शिकायत दर्ज करने के सभी 5 तरीके निचे दिये गये हैं, आपको जो भी माध्यम सुविधा जनक लगे आप उस माध्यम के साथ अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। इस सेवा के साथ भारत सरकार आपकी शिकायत पर 100 प्रतिशत अमल करने का विश्वास दिलाती है।

क्या आपके पास एक उपभोक्ता शिकायत है? तो-

  1. आप अपनी शिकायत रजिस्टर करने के लिए टोल फ्री नम्बर 1800-11-4000 या 14404 पर कॉल कर सकते हैं। (कॉल करने का समयः राष्ट्रीय अवकाशों को छोड़कर सभी दिनों में प्रातः 09.30 से मध्याह्न 05.30 बजे तक है)
  2. SMS करें 8130009809 नम्बर पर। जिसके बाद आपकी शिकायत दर्ज करने के लिए हेल्पलाइन की ओर से आपको कॉल बैक की जायेगी।
  3. अपनी शिकायत को ऑनलाइन रजिस्टर करने के लिए साइन अप करें पर क्लिक करें।
  4. राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन NCH की मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज करने के लिए ऐप डाउनलोड करें पर क्लिक करें।
  5. UMANG मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज करने के लिए ऐप डाउनलोड करें पर क्लिक करें।

उपभोक्ता या ग्राहक किसे कहते हैं?

आप, हम और वह हर एक इंसान जो अपने उपयोग अथवा सुविधा के लिए कोई वस्तु या सुविधा को खरीद कर स्तेमाल करता है, वह उस वस्तु निर्माता कम्पनी या सेवा प्रदाता कम्पनी का उपभोक्ता या ग्राहक कहलाता है।

उपभोक्ता फोरम क्या होता है?

अगर कोई निर्माता या सेवा प्रदाता अपने ग्राहको को ठीक से सेवा नहीं देता, अपने उत्पादों अथवा सेवाओं में गुणवत्ता नहीं देता, ग्राहकों के साथ किसी भी प्रकार की धोका-धड़ी करता है तो ऐसे में जिस सरकारी संस्था में ग्राहक अपनी शिकायत दर्ज कर सकता है उसे उपभोक्ता फोरम कहा जाता है। इसे कंज्यूमर कोर्ट भी कहते हैं।

“उपभोक्ता फोरम एक ऐसी सरकारी संस्था होते हैं जो उपभोक्ता सुरक्षा अधिकार कानून 1986 तथा 20 जुलाई, 2020 के बाद लागू नये उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 के अनुसार उपभोक्ताओं को सशक्त करने के साथ ही उन्हें अधिसूचित नियमों और प्रावधानों के माध्यम से उनके अधिकारों की रक्षा करने में मदद करते हैं।”

उपभोक्ता फोरम क्रमशः जिला, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर ग्राहकों की शिकायतों का निवारण करने से साथ ही दोषियों पर दंडात्मक कार्यवाही करने की क्षमता रखते हैं।

जिला, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर के उपभोक्ता फोरम में कौन शिकायत कर सकता है?

  • कोई भी पीड़ित आम ग्राहक।
  • कोई भी फर्म चाहे वह पंजीकृत हो अथवा न हो।
  • कोई भी आम नागरिक चाहे वह स्वयं पीड़ित न हुआ हो।
  • लोगों के कोई भी समूह या को-ऑपरेटिव सोसाइटी
  • राज्य एवं केन्द्र सरकारें।
  • किसी ग्राहक की मृत्यु होने की स्थिति में उसका कानूनी वारिस।

उपभोक्ता फोरम में शिकायत करने के लिए जरूरी हैं दस्तावेज

अगर आप जिला, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर के उपभोक्ता फोरम में अपनी शिकायत दर्ज कराना चाहते हैं, और साथ ही आपको हुये नुकसान का दावा भी प्रस्तुत करना चाहते हैं तो आपके पास पुख्ता दस्तावेजों का होना जरूरी है।

ऐसे में शिकायत के साथ उस डॉक्युमेंट्स की कॉपी भी देनी होगी, जिससे आपकी शिकायत का समर्थन हो रहा हो। इन डॉक्युमेंट्स में कैश मेमो, रसीद, अग्रीमेंट्स आदि हो सकते हैं।

आपको अपनी शिकायत को 3 प्रतियों में जमा करानी होगी। जिसमें एक प्रति ऑफिस के लिए, एक प्रति विरोधी विरोधी पक्ष के लिए होती है।

आप चाहें तो शिकायत स्वयं दर्ज करें अथवा आप अपने वकील के माध्यम से भी अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।

जिला, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर के उपभोक्ता फोरम में ऑफलाइन शिकायत के लिए फीस

यदि आप जिला, राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर के उपभोक्ता फोरम में अपनी शिकायत को ऑफलाइन दर्ज कराते हैं तो आपको इसके लिए मामूली सी फीस देनी होती है। हर मामले के लिए फीस अलग-अलग होती है, विवरण नीचे निचे दिया जा रहा है।

इस फीस को डिमांड ड्राफ्ट, पोस्टल ऑर्डर तथा चैक के माध्यम से संबंधित जिला, राज्य अथवा राष्ट्रीय स्तर के उपभोक्ता फोरम जिसमें भी आप शिकायत करना चाहते हैं उसके पक्ष में जमा कराना होगा।

उपभोक्ता फोरम में शिकायत कैसे करें?

अगर आप ऑनलाइन शिकायत करना चाहते हैं तो इस आलेख की सुरूवात में बतायें गये 5 तरीकों से अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

वेबसाइट के माध्यम से शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया निम्नवत् है-

आपको मुख्य पृष्ठ पर ऊपर की ओर प्रर्दशित शिकायत रजिस्ट्रेशन टैब पर क्लिक करना होगा। जिसके बाद अगली स्क्रीन पर दो विकल्प प्रदर्शित होंगे;

(1) शिकायत रजिस्टर करें (2) शिकायत की जानकारी देखें

अगर आप एक नयी शिकायत रजिस्टर करना चाहते हैं तो आप्शन (1) का चुनाव करें और अगर आपने पहले से ही वेबसाइट पर शिकायत दर्ज की है तो आप्शन (2) का चुनाव कर अपनी शिकायत की स्थिति जान करते हैं।

वेबसाइट के माध्यम से शिकायत दर्ज करने के लिए शिकायतकर्ता को वेबसाइट में अपना अकाउंट रजिस्टर करना जरूरी है। इसके लिए इसी पृष्ठ में रजिस्ट्रेशन टैब उक्त दोनों विकल्पों वाली स्क्रीन में ही दिखायी देता है।

आप Consumer Commission Online-Application Portal के माध्यम से भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

अपनी शिकायत को विस्तार से लिखें और तथ्यों व सबूतों के साथ जमा करयें

आपको अपनी शिकायत का पूरा ब्यौरा विस्तार से लिख कर देना होता है। जैसे आपके साथ क्या गलत हुआ, आपको कितना नुकसान हुआ आदि इसके साथ ही शिकायत की सच्चाई साबित करने वाले सारे सबूत भी आपको प्रस्तुत करने होंगे।

शिकायत में यह जानकारी जरूर दर्ज करें

  • आप जिसके खिलाफ शिकायत कर रहे हैं उस कंपनी अथवा व्यक्ति का पूरा नाम, पता और फ़ोन नंबर, ईमेल पता आदि की पूरी जानकारी दर्ज करें।
  • वस्तु अथवा सर्विस खरीद के लिए आपको दिया गया पक्का बिल संलग्न करें।
  • वस्तु अथवा सर्विस के साथ आपको दी गयी वारंटी या गारंटी के कागज़ संलग्न करें।
  • विक्रेता या निर्माता या सेवा प्रदाता के धोखा देने के कारण उपभोक्ता को हुए नुकसान का मूल्य दर्ज करें।
  • विक्रेता या निर्माता या सेवा प्रदाता के साथ तय बात से मुकरने पर उपभोक्ता को हुए शारीरिक, मानसिक, आर्थिक नुकसान की विस्तृत जानकारी सबूतों के साथ दर्ज करें।
  • उक्त दस्तावेजों के साथ एफिडेविट यानि एक शपथ पत्र।

दावे की रकम के अनुसार शिकायत हेतु उपभोक्ता फोरम का चुनाव करें

उपभोक्ता कानून में दावे की रकम के अनुसार शिकायत करने के मापदंड तय किये गये हैं। आपके दावे की रकम पर निर्भर करता है कि आपको किस स्तर के उपभोक्ता फोरम में अपनी शिकायत दर्ज करनी है। यह निर्धारित मापदंड निम्नवत् हैं-

  • डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर फोरम- अगर आपकी शिकायत का मामला 20 लाख की रकम तक का है, तो आपको डिस्ट्रिक्ट कंज्यूमर फोरम यानि जिला उपभोक्ता फोरम के पास अपनी शिकायत दर्ज करनी होती है।
  • स्टेट कंज्यूमर फोरम- अगर आपकी शिकायत का मामला 20 लाख से 1 करोड़ तक की रकम का है, तो आपको स्टेट कंज्यूमर फोरम यानि राज्य उपभोक्ता फोरम के पास अपनी शिकायत दर्ज करनी होती है।
  • नैशनल कंज्यूमर फोरम- अगर आपकी शिकायत का मामला 1 करोड़ से ऊपर की रकम का है, तो आपको नैशनल कंज्यूमर फोरम यानि राष्ट्रीय उपभोक्ता फोरम के पास अपनी शिकायत दर्ज करनी होती है।

शिकायत दर्ज करने के लिए प्रत्येक कंज्यूमर फोरम में एक फाइलिंग काउंटर होता है। जिसमें आप प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 01.30 बजे तक अपनी शिकायत को जमा करा सकते हैं।

कंज्यूमर फोरम में शिकायत दर्ज करने की फीस

दावों की रकम के अनुसार कंज्यूमर फोरम में शिकायत दर्ज कराने के लिए सरकार द्वारा अलग- अलग फीस यानि शुल्क निर्धारित किया गया है जो निम्नवत् है-

  • एक लाख रुपये तक के दावों के लिए- 100 रुपये
  • एक लाख से 5 लाख रुपये तक के दावों के लिए- 200 रुपये
  • 5 लाख से 10 लाख रुपये तक के दावों के लिए- 400 रुपये
  • 10 लाख से 20 लाख रुपये तक के दावों के लिए- 500 रुपये
  • 20 लाख से 50 लाख रुपये तक के दावों के लिए- 2000 रुपये
  • 50 लाख से 1 करोड़ रुपये तक के दावों के लिए- 4000 रुपय

तो दोस्तों अगर आपके साथ किसी भी प्रकार की धोकधाड़ी होती है तो ऐसे में आप उपभोक्ता फोरम या कोर्ट में संबंधित विक्रेता या निर्माता या सेवा प्रदाता के खिलाफ शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

इसके साथ ही एक बात का ध्यान अवश्य रहे कि, किसी भी व्यापारी, विक्रेता, सेवा प्रदाता अथवा कंपनी पर गलत आरोप लगा कर शिकायत दर्ज कराने से बचें। यह गैर कानूनी है और ऐसा करने पर ग्राहक को भी जुर्माना और सजा हो सकती है।

जानकारी का स्रोत: The National Consumer Disputes Redressal Commission (NCDRC)

तो दोस्तों आपको उपभोक्ता शिकायत सेवा के बारे में दी गयी यह जानकारी कैसी लगी हमें कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताईये।

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आलेख:

baatpahaadki.com

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