गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला का आहार कैसा हो 

पूरे गर्भकाल के दौरान गर्भवती महिला को अपने खान पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। यह गर्भवती महिला के स्वास्थ्य के साथ ही गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास के लिए भी बहुत जरूरी है। गर्भ में पल रहा बच्चा माँ के खून से ही पोषण प्राप्त करता है।

गर्भवती महिला को गर्भकाल के दौरान खान पान में निम्न बातों का खयाल रखना चाहिए:

  • गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला को सामान्य से अधिक पौष्टिक भोजन की जरूरत होती है। ताकि गर्भवती महिला व गर्भ में पल रहे बच्चे का विकास ठीक प्रकार हो सके। एक स्वस्थ माँ ही स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती है।
  • गर्भवती महिला को दिन में थोड़ा थोड़ा कर बार बार भोजन करना चाहिए। इससे भोजन पचने में आसानी होती है।
  • गर्भावस्था के दौरान गर्भवती महिला को हर एक घंटे में लगभग दो गिलास पानी पीना चाहिए। जिससे शरीर में पानी की कमी ना हो सके। यह गर्भवती महिला के रक्तचाप को भी नियंत्रित रखने में मदद करता है। इससे पेट में होने वाली कब्ज से भी बचा जा सकता है।
  • गर्भावस्था के दौरान किसी भी प्रकार के भोजन का परहेज नहीं करना चाहिए। इस दौरान चाय या कॉफी का प्रयोग ना ही करें तो अच्छा है। भोजन करने के 1 घंटा पहले व 1 घंटा बाद तक चाय का प्रयोग बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। भोजन के तुरंत पहले या बाद में चाय का प्रयोग करने से शरीर को आयरन पचाने में परेशानी होती है। जिससे गर्भवती महिला को खून की कमी हो सकती है।
  • गर्भावस्था के पहले कुछ महिनों में सर चकराना, उल्टी होना आम बात है। यह प्रायः सुबह के समय होता है। ऐसी स्थिति में प्रातःकाल भोजन जरूर करें।
  • आयरन की गोली रात में भोजन करने के बाद सोने से पूर्व व कैल्शियम की गोली सुबह पर्याप्त पानी के साथ खानी चाहिए। गोली खाने के बाद चाय का प्रयोग ना करें।

भोजन में इनका जरूर प्रयोग करें- (सलाह)

  • गर्भवती महिला को लौह तत्वों से भरपूर भोजन करना चाहिए। इसके लिए हरे पत्तेदार साग जैसे- लाई, पालक, मेथी, बथुवा, चौलाई (चूवा), उगल के पत्ते, बिच्छू घास की सब्जी, लिमुड़े की सब्जी खानी चाहिए।
  • भोजन में मडुवा, गेंहू, जौ, मक्का की रोटी का प्रयोग भी अवश्य करें। इससे शरीर को अतिरिक्त ताकत प्राप्त होती है।
  • गर्भवती महिला को भोजन में चावल, सभी प्रकार की दालें जैसे राजमा, गहत, भट्ट, मसूर, मूंग, हर प्रकार की सब्जी, दूध, दही, छाँछ, घी, पनीर, कच्चा सलाद, गुड़, शहद, दलिया आदि का प्रयोग भी करना चाहिए।
  • इस के अलावा घरों में आसानी से उपलब्ध होने वाले गेठी (छोड़ियाव), पिनालू, गडेरी, तैड़़, नींबू, अखरोट, माल्टा के साथ ही उपलब्ध फलों का भी प्रयोग भोजन में अवश्य करें यह सब पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं।
  • मांसाहार में गर्भवती महिला मांस, मछली व अंडे का प्रयोग भी भोजन में कर सकती है।
  • भोजन में आयोडीन युक्त नमक का प्रयोग अवश्य करें।
  • खाने में तेज मिर्च मसालों का प्रयोग ना करें।
  • गर्भवती महिला को अपने नजदीकी आँगनवाड़ी केन्द्र में जाकर सरकार द्वारा निशुल्क दिया जाने वाला पोषाहार व ए.एन.एम. दीदी से 100 आयरन व कैल्शियम की गोलियां जरूर प्राप्त करना चाहिए। यह प्रत्येक गर्भवती महिला के लिए जरूरी है।

प्रत्येक गर्भवती महिला के साथ साथ उसके परिवार के अन्य सदस्यों को भी गर्भवती महिला के खानपान का बिशेष ध्यान रखना चाहिए। गर्भवती महिला को खाने में किसी भी प्रकार का परहेज करने को नहीं कहें। समय-समय पर खान पान को लेकर जानकारी हेतु अपने गाँव की आशा, आँवनवाडी कार्यकर्ता से संपर्क करें।

आलेख: baatpahaadki.com

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