बच्चों का प्राथमिक टीकाकरण कैसे करायें

आज हम बच्चों के प्राथमिक टीकाकरण बिषय में विस्तार से जानेंगे। प्राथमिक टीकाकरण शिशु के जन्म से लेकर बच्चे के 6 वर्ष होने तक की समयावधि के दौरान किया जाता है। प्रत्येक टीके को लगवाने का एक निर्धारित समय होता है। अतः इस निर्धारित समय के दौरान प्रत्येक बच्चे का टीकरकरण अवश्य करवा लेना चाहिए। टीके लगाने के समय व टीकों की जानकारी हम आगे जानेंगे। लेकिन सबसे पहले हमें निम्न जानकारी होनी चाहिए-

टीका क्यों लगवायेंः

बचपन में होने वाली कुछ घातक बीमारियों की रोकथाम के लिय बच्चों को टीके लगवाना अनिवार्य है। टीकाकरण द्वारा आप बच्चों को होने वाली निम्न जानलेवा बीमारियों से बचा सकते हैं।

  • गलघोंटू
  • काली खांसी
  • टिटनेस
  • हेपेटाइटिस बी
  • हिमोफिलस इंफ्लुएंजा टाइप बी
  • बचपन में होने वाली टी.बी.
  • खसरा

टीका कहाँ व कैसे लगवायेंः

आप अपने बच्चों को नजदीकी ।छड सेन्टर या आपके गाँव में आयोजित टीकाकरण कैम्प पर ले जा कर ।छड दीदी से टीका लगवा सकते हैं। टीकाकरण सरकार के सैजन्य से एकदम मुफ्त अथवा निःशुल्क किया जाता है। टीकाकरण प्रत्येक बच्चे का अधिकार भी है। प्रत्येक माता पिता को स्वयं के बच्चों का समय पर टीकाकरण कराने हेतु जागरूक होना चाहिए। गाँव या ।छड सेन्टर पर लगने वाले टीकाकरण कैम्प की जानकारी आप अपने गाँव की आशा कार्यकर्ता/ स्वास्थ्य कार्यकर्ता/ स्वास्थ्य सुपरवाईजर से भी प्राप्त कर सकते हैं।

बच्चों का प्राथमिक टीकाकरण कैसे करायें
बच्चों का प्राथमिक टीकाकरण चार्ट
  • उक्त तालिका के अनुसार प्रत्येक टीका हर बच्चे को लगवाना अनिवार्य है। एक भी टीका नहीं छूटना चाहिए।
  • टीका लगे स्थान पर लाली, सूजन या दर्द हो सकती है। बच्चे को कुछ समय तक बुखार भी आ सकता है। यह सामान्य बात है यह दो तीन दिन में स्वतः ही ठीक हो जाता है। ये लक्षण आमतौर पर इंजेक्शन लगाने के अगले दिन दिखाई देते हैं।
  • यदि बच्चे को टीका लगवाने से पूर्व तीव्र बुखार हो तो उस दौरान बच्चे को टीका ना लगवायें। एसी स्थिति में बुखार ठीक होने पर टीका लगवाना चाहिए।
  • शिशु को 6 माह तक केवल माँ का ही दूध पिलायें। माँ के दूध के अलावा घुट्टी अथवा पानी भी बच्चे को ना दें। 6 माह के बाद बच्चे को स्तनपान के साथ साथ अतिरिक्त आहार भी दें।
  • अपने बच्चे की बृद्धि निगरानी हेतु प्रतिमाह बच्चे का वजन आंगनवाड़ी में आयोजित ग्रामीण स्वास्थ्य व पोषण दिवस में ले जाकर अवश्य करायें। साथ ही आंगनवाड़ी से मिलने वाला पोषाहार जरूर प्राप्त करें।

किसी भी प्रकार की सहायता हेतु गाँव की आशा/ ANM व नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्र से संपर्क करें।

आलेख: baatpahaadki.com

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