जानिए ओ.आर.एस. या ओरल रिहाइड्रेसन सल्यूशन या जीवन रक्षक घोल क्या है?
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Oral Rehydration Solutions ORS made at home
एक बार फिर से गर्मी का सीजन सुरु हो गया हैं। बदलते मौसम और महामारी के इस दौर में उल्टी-दस्त होना एक आम बात है। ऐसे तो उल्टी-दस्त का कोई खास समय नहीं होता, लेकिन गर्मी और बरसात में इसका सबसे अधिक प्रकोप होता है। अगर इस समस्या को नजर अंदाज कर दिया जाय तो यह उल्टी-दस्त से ग्रसित रोगी के लिए जानलेवा भी हो सकती है।
महामारी के इस दौर में जब हम अपने घर से बहार भी नहीं निकल सकते, ऐसे में यह आलेख आपके बढ़े काम आ सकता है। हम स्वयं अपने घर में मिलने वाली कुछ सामान्य चीजों से एक ऐसा जीवन रक्षक घोल बना सकते हैं, जिससे घर पर ही उल्टी-दस्त से ग्रसित रोगी का इलाज किया जा सकता है। चलिए आज के इस आलेख में जानते हैं हम यह कैसे कर सकते हैं, तो इसके लिए आलेख को अन्त तक जरुर पढियेगा।
नमस्कार! आज हम एक बहुत ही महत्वपूर्ण बिषय पर जानकरी साझा करेंगे। गर्मी व बरसात के मौसम में दूषित पानी के प्रयोग व अन्य कारणों से बच्चों को दस्त लगना सामान्य बात है। कयी बार दस्त के साथ ही उल्टी भी होती है। इस बीमारी का उपचार कुछ आसान से उपायों द्वारा घरों में ही किया जा सकता है। किन्तु यदि समय पर इसके उपचार की ओर ध्यान ना दिया जाय तो यह जानलेवा भी हो सकती है।
इसके घातक परिणाम 0 से 5 वर्ष तक के बच्चों में ज्यादा पाये गये हैं। इस बीमारी की चपेट में आने वाले रोगी के शरीर में तेजी से पानी की कमी होने लगती है। बार बार दस्त होने से शरीर से अन्य पोषक तत्वों का भी क्षरण होने लगता है। इस कारण बच्चे के शरीर में पानी की कमी के साथ ही कुपोषण की स्थिति भी पैदा हो जाती है जो, जानलेवा भी साबित हो सकता है। इससे निपटने के लिए निम्न बताई गयी विधि के अनुसार ऐसे रोगी को जीवन रक्षक घोल (ORS) पिलाना चाहिए-
उल्टी-दस्त की गंभीरता को कैसे पहचाने:
जीवन रक्षक घोल को बाजार से तैयार पैकेट के रूप में खरीद कर अथवा घर में उपलब्ध कुछ चीजों से आसानी से बना कर रोगी को पिलाया जा सकता है। हम आज दोनों ही प्रकार के जीवन रक्षक घोल को बनाने व प्रयोग के तरीकों पर चर्चा करेंगे। आप से अनुरोध है कि आप इसे बनाने व पिलाने की विधि को ध्यान से पढ़ें।
आप तैयार किये हुये ORS की पैकेट अपने नजदीकी दवा की दुकान से आसानी ले सकते हैं। इसे आप अपने गाँव की आशा कार्यकर्ता या ANM से भी निःशुल्क प्राप्त कर सकते हैं।
पैकेट वाले ओरल रिहाइड्रेसन सल्यूशन ORS को बनाने की विधिः
1 लीटर ठीक से उबालकर ठंडे किये गये पानी में पूरी 1 पैकेट को एक साथ ही घोल कर घोल तैयार करें। इस 1 लीटर घोल को 24 घंटे के भीतर हरबार दस्त होने के बाद पिलाना चाहिए। यदि 24 घंटे बाद भी घोल बच जाय तो उसे फेक दें। दुबारा प्रयोग हेतु नये सिरे से घोल तैयार कर पीलाना चाहिए।
- बच्चों को 1 से 2 लीटर घोल 24 घंटे के भीतर पिलाना चाहिए।
- वयस्कों को 2 से 4 लीटर घोल 24 घंटे के भीतर पिलाना चाहिए।
पैकेट वाले ओरल रिहाइड्रेसन सल्यूशन ORS के प्रयोग के दौरान सावधानिः
- ORS की 1 पैकेट 1 लीटर पानी में पूरी एक बार ही घोलनी चाहिए। पैकेट से थोड़ा थोड़ा कर घोल बनाकर नहीं पिलाना चाहिए।
- घोल बनाने हेतु प्रयोग किये जाने वाले पानी को ठीक से उबालकर ठंडा किया होना चाहिए।
- घोल बनाते समय हाथ धोकर घोल तैयार करना चाहिए।
- तैयार घोल को 24 घंटे के भीतर ही प्रयोग किया जा सकता है। उसके बाद नये सिरे से घोल बनाकर प्रयोग करें।
Oral Rehydration Solutions (ORS) Made at home
घर में उपलब्ध चीजों से ORS बनाने की विधिः
घर में ओरल रिहाइड्रेसन सल्यूशन ORS बनाने के लिए आवश्यक सामग्री (एक लीटर ORS बनाने के लिए):
- 50 ग्राम चीनी (8 चम्मच)
- 5 ग्राम नमक (1 छोटा चम्मच)
- 1 लीटर ठीक से उबालकर ठंडा किया हुआ पानी
- 1 नींबू (यदि उपलब्ध हो)
ओरल रिहाइड्रेसन सल्यूशन ORS बनाने विधिः
उक्त मात्रा के में नमक व चीनी को 1 लीटर साफ पानी में ठीक प्रकार घोल लें। इस प्रकार तैयार घोल में आधा नींबू निचोड़ लें। इसके बाद इस घोल का स्वाद आंसू के स्वाद से मिलता-जुलता हो जायेगा। इस घोल को 24 घंटे के भीतर हरबार दस्त होने के बाद तथा हर आधे घंटे में रोगी को पिलाना चाहिए।
घर में ओरल रिहाइड्रेसन सल्यूशन ORS बनाने के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां:
- ORS बनाने हेतु निर्धारित मात्रा में ही उक्त सामग्री का प्रयोग करें।
- घोल बनाने हेतु प्रयोग किये जाने वाले पानी को ठीक से उबालकर ठंडा किया होना चाहिए।
- घोल बनाने से पहले हाथ धोकर ही घोल तैयार किया जाना चाहिए।
- तैयार घोल को 24 घंटे के भीतर ही प्रयोग किया जा सकता है। उसके बाद नये सिरे से घोल बनाकर प्रयोग करें।
- इमरजैन्सी में जबतक पानी उबाल कर ठंडा नहीं हो जाता तब तक सामान्य पीने योग्य पानी द्वारा ही ORS बनाकर पिलाया जा सकता है। जब पानी उबाल कर ठंडा हो जाये तो पुनः ORS बना कर पिलाना चाहिए।
कुछ अन्य आवश्यक सलाह:
- अपने बच्चे की बृद्धि निगरानी हेतु प्रतिमाह बच्चे का वजन आंगनवाड़ी में आयोजित ग्रामीण स्वास्थ्य व पोषण दिवस में ले जाकर अवश्य करायें। साथ ही आंगनवाड़ी से मिलने वाला पोषाहार जरूर प्राप्त करें।
- आपके गाँव में आरोही संस्था द्वारा आयोजित की जाने वाली मातृ समूह बैठकों में अवश्य प्रतिभाग करें। इसमें आपको अपने व अपने परिवार के स्वास्थ्य को ठीक रखने हेतु विभिन्न जानकारी प्रदान की जाती हैं।
किसी भी प्रकार की सहायता हेतु गाँव की आशा/ ANM या नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्र से संपर्क करें।
आलेख: baatpahaadki.com
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