मृदा परीक्षण यानि मिट्टी की जाँच करायें किसी भी फसल से बंपर पैदावार लें | Test your soil and get the bumper yield from any crop

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किसान भाईयों नमस्कार,

आपने इस आलेख का शिर्षक तो पढ़ ही लिया होगा, तो सीधे मुद्दे पर बात करते हैं। यह बात 100 प्रतिशत सत्य है कि अगर आप अपने खेतों की मिट्टी की जाँच करायें दूसरे शब्दों में यदि आप मृदा परीक्षण कराते हैं तो आप अपने खेत में लगाई जाने वाली फसल से बंपर पैदावार प्राप्त कर खूब मुनाफा कमा सकते हैं।

अब आप कहेंगे कि भाई यह कैसे हो सकता है? इसके लिए आपको अपने चंद मिनट हमारे इस आलेख को पढ़ने और बताई गयी तकनीक को अपनी खेती किसानों में अपनाने की जरूरत होगी।

मृदा परीक्षण या मिट्टी की जाँच क्या है? | What is Soil Testing?

दोस्तों दुनियां के हर प्राणी को जिन्दा रहने के लिए भोजन की जरूरत होती है। इसके लिए किसान अपने खेतों में अन्न, दालें, सब्जियां और फलों को उगाता है, और यह सब मिट्टी में अर्थात हमारी धरती माँ द्वारा पैदा किया जाता हैं।

हमारा किसान इसी धरती माँ की सहायता से हमारे लिए अन्न पैदा करता है। जैसे एक माँ को एक स्वस्थ्य बच्चे को पैदा करने के लिए अच्छे पोषण एवं अच्छे खानपान की जरूरत होती है। ठीक वैसे ही हमारी धरती माँ को भी अच्छा अन्न पैदा करने के लिए पोषण और पोषक तत्वों की जरूरत होती है, और यह पोषक तत्व मिट्टी के माध्यम से दिए जाते हैं।

जिस प्रकार एक इंसान अच्छे पोषण के अभाव में कमजोर और फिर बीमार हो जाता है, ठीक ऐसे ही सही पोषक और पोषक तत्वों के अभाव में हमारे खेतों की मिट्टी हमारी धरती माँ भी कमजोर और बीमार हो जाती है।

मिट्टी की कमजोरी और पोषक तत्वों की कमी का पता लगाने के लिए मृदा परीक्षण यानि मिट्टी की जाँच करायी जाती है।

जिस प्रकार हम इंसानों में कमजोरी, रोग और कुपोषण का पता लगाने के लिए खून की जाँच की जाँच की जाती है, और डॉक्टर जाँच रिपोर्ट के आधार पर उपचार और खानपान की सलाह देता है। ठीक इसी प्रकार मिट्टी की जाँच कर उसकी कमजोरी, पोषक तत्वों की कमी एवं मिट्टी के स्वास्थ्य की स्थिति जाँची जाती है।

हमारी फसल से मिलने वाली पैदावार हमारी मिट्टी के स्वास्थ्य, पोषण एवं प्रकृति पर निर्भर करती है। क्योंकि माँ के गर्भ में पल रहे बच्चे की तरह ही हमारी फसल भी मिट्टी अर्थात हमारी धरती माँ से पोषण प्राप्त करती है।

हम मृदा परीक्षण यानि मिट्टी की जाँच कर अपने खेतों की मिट्टी के स्वास्थ्य की कमी, मिट्टी की प्रकृति, पोषक तत्वों एवं सुक्ष्म पोषक तत्वों आदि की कमी का पता लगा सकते हैं। जिसके बाद मिट्टी का जरूरी उपचार कर उसे पहले से अधिक उपजाऊ बनाया जा सकता है।

मृदा परीक्षण अर्थात मिट्टी की जाँच के सिद्धांत | Principles of soil testing

प्रत्येक किसान अपने खेतों में फसल लगाने के लिए अच्छे से तैयार करता है। जिसमें वह फसल बुआई के वक्त एवं बुआई के बाद खाद एवं उर्वरकों को अपने खेत में डालता है। किन्तु आम तौर में यह देखने को मिलता है कि वह केवल अंजादे से ही यह सब करता है।

खेत में लगने वाली फसल को कितनी मात्रा में कौन से पोषक तत्व, उर्वरक एवं खाद की जरूरत है और वह हमारे खेत की मिट्टी में हैं या नहीं इसकी सही जानकारी मिट्टी की जाँच के बाद ही पता चल सकती है।

इसके लिए आपको निम्न प्रकार मिट्टी की जाँच के सिद्धांतों का पता होना चाहिए-

  • मृदा परीक्षण मिट्टी के संसाधनों के प्रबंधन के लिए अति महत्वपूर्ण गतिविधि है।
  • प्रत्येक खेत की मिट्टी की सही जानकारी प्राप्त करने के लिए उस खेत से लिए जाने वाले हर एक नमूने को सटीकता से संग्रहित करना आवश्यक है।
  • प्रयोगशाला में मृदा नमूने का ठीक प्रकार विश्लेषण प्राप्त करने के लिए खेत से लिए गये नमूने की शुद्धता पर निर्भर करता है।
  • मृदा नमूनों से सटीक एवं सही जानकारी प्राप्त करने के लिए नमूना लेते समय ज्यादा मात्रा में मिट्टी लेने की सलाह दी जाती है।
  • सामान्य रूप में एक एकड़ भूमि से एक नमूना लेने की सलाह दी जाती है, किन्तु नमूना लेते वक्त खेत के 9 से 10 अलग-अलग स्थानों से नमूना लेना आवश्यक है।
  • मृदा परीक्षण के लिए मिट्टी के नमूने को आस पास की मिट्टी की रूप रेखा, मिट्टी के प्रोफाइल को ध्यान में रखकर लिया जाना चाहिए।
  • कृष्णा फल Passion Fruit की खेती हिन्दी में

मिट्टी की जाँच (मृदा परीक्षण) कराने का क्या उद्देश्य है? | What is the purpose of soil testing?

  • मिट्टी की उत्पादन क्षमता का पता लगाने के लिए मिट्टी के नमूनों का परीक्षण कराना आवश्यक है।
  • मिट्टी में पायें जाने वाले विभिन्न गुणों जैसे मिट्टी का घनत्व, मिट्टी की रंध्रमयता, मिट्टी की संरचना, बनावट, मिट्टी की जल धारण क्षमता, मिट्टी की अम्लता (pH), मिट्टी इलैक्ट्रिक कंडक्टविटी (EC) आदि पता करने के लिए मृदा परीक्षण कराया जाता है।
  • फसल की सही बड़वार, परागण एवं उपज को लाभप्रद एवं उत्पादन वृद्धि को निर्धारित करने के लिए मृदा परीक्षण कराया जाता है।
  • प्रत्येक फसल के लिए आवश्यक खाद, उर्वरकों एवं पोषक तत्वों की मात्रा की सही गणना के लिए मृदा परीक्षण कराया जाता है।
  • मिट्टी में पोषक तत्वों का मूल्यांकन एवं पोषक तत्वों के प्रबंधन की योजना तैयार करने के लिए मृदा परीक्षण कराया जाता है।
  • मिट्टी के गुणों के आधार पर लगाई जाने वाली सही फसल का चुनाव करने के लिए भी मृदा परीक्षण कराया जाता है।

मृदा परीक्षण के लिए मिट्टी का नमूना कब लेना चाहिए? | When to collect the soil sample for soil testing?

  • वैसे तो मृदा परीक्षण के लिए मिट्टी का नमूना साल भर कभी भी किसी भी मौसम में लिया जा सकता है। लेकिन मिट्टी का नमूना लेने के लिए रबी के बाद खरीब के सीजन से पहले का समय उपयुक्त माना जाता है।
  • एक अन्य स्थिति में मिट्टी का नमूना लेने के लिए प्रत्येक फसल की कटाई के बाद एवं अगली फसल लगाने से पहले का समय उचित माना जाता है।
  • यदि आपने अपने खेतों में किसी तरह का उर्वरक अथवा जैविक खाद डाली है तो खेतों में उर्वरक अथवा जैविक खाद डालने के अगले तीन महिनों तक मृदा परीक्षण के लिए नमूना नहीं लिया जा सकता है।

मिट्टी का नमूना लेने के लिए जरूरी उपकरण, औजार एवं सामग्री | Necessary equipments, tools and material to take the soil sample

मिट्टी जाँच के लिए नमूना लेने के लिए निम्न औजारों एवं सामग्री की आवश्यकता होती है-

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मिट्टी का नमूना लेने के लिए जरूरी उपकरण
  1. खुरपी या कुदाल
  2. मृदा परीक्षण ट्यूब
  3. कपड़े का थैला
  4. प्लास्टिक ट्रे या बाल्टी
  5. प्लास्टिक सीट
  6. जनकारी प्रपत्र
  7. सैम्पल टैंग

मृदा परीक्षण कराने के लिए खेत से मिट्टी का नमूना एकत्र करने की विधि | Process to the collect the soil sample for soil testing

  • एक समान दिखने वाले खेत में जाकर आपने अपने खेत को अंदाजे से अलग-अलग भागों में बाँट लेना है और उन स्थानों में निशान लगाकर चिन्हित कर लें जहाँ से आप नमूना लेना चाहते हैं।
  • मिट्टी के नमूने को मैड़ से कम से कम 5 फीट अंदर की ओर से ही लेना है न कि मैड़ के नजदीक से।
  • खेत में जिस जगह से आप नमूना लेने जा रहे हैं उस स्थान से घास-फूस एवं कंकर-पत्थरों को साथ कर लें।
  • अब भूमि की सतह 0-15 सेटीमीटर अर्थात हल की गहराई तक से मृदा परीक्षण ट्यूब की सहायता से मिट्टी का एकसार टुकड़ा लें।
  • इस प्रकार एक एकड़ खेत के लिए 10 से 12 अलग- अगल स्थानों से नमूना एकत्र करना चाहिए।
  • अगर आप नमूना लेने के लिए कुदाल अथवा खुरपी का प्रयोग कर रहे हैं तो आपको नमूना लेने के स्थान पर “V” आकार का 15 सेटीमीटर गहरा गड्डा बनाना है। इसके बाद खुरपी की सहायता से ऊपर से नीचे तक 2-3 सेटीमीटर मोटी मिट्टी को “V” आकार में काटकर और किसी साफ ट्रे या बाल्टी में रख लें।
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नमूना लेने के स्थान पर “V” आकार का 15 सेटीमीटर गहरा गड्डा बनायें
  • आपको एक बात का ध्यान रखना है कि अगल- अलग फसल की जड़ों के आकार के अनुसार मिट्टी का नमूना लेने की गहराई भी भिन्न- भिन्न होती है।
  • छोटी जड़ वाले पौधों के लिए मिट्टी का नमूना 15 सेटीमीटर गहराई से, मध्यम जड़ वाली फसल के लिए 30 सेटीमीटर गहराई से एवं लम्बी जड़ वाली फसल के लिए कम से कम 3 फीट की गहराई से नमूना संग्रहित करना चाहिए।
  • अब नमूने में ली गई मिट्टी को अच्छे से मिला लीजिए। इसके बाद मिट्टी में मिली जड़, पत्तियों, कंकर, पत्थरों आदि को अलग कर दीजिए।
  • मिट्टी को ठीक से मिलाकर किसी समतल स्थान पर प्लास्टिक सीट में मिट्टी को गालाई में फैलायें और धन का चिन्ह बना लें।
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मिट्टी को गालाई में फैलायें और धन का चिन्ह बना लें
  • धन का चिन्ह बनाने के बाद आपने सामने के दो विपरीत भागों को हटा दें और बचे हुये दो भागों को फिर से मिला लें।
  • अब पुनः उक्त प्रक्रिया को दोहरायें, इस बाद उन दो विपरीत भागों को हटायें जिस ओर से पहले नहीं उठाया गया है।
  • इस प्रक्रिया को तब तक दोहराते रहें जब तक आपका नमूना 0.5 से 1 किलोग्राम तक का न हो जाये।
  • अब इस बचे हुये नमूने को किसी प्लास्टिक की पन्नी या कपड़े के थैले में एकत्र कर लें।
  • दो लेबल या टैग बनायें जिसमें नमूने का विवरण दर्ज कर एक थैले के अंदर डालें व एक को थैले को बाहर से लगा दें।

मिट्टी के नमूने के साथ लगने वाले लेबल या टैग में क्या जानकारी दें? | What details to be given in the label or tag enclosed with the soil sample?

मृदा परीक्षण के लिए लैब में दिये जाने वाले नमूने के लेबल में निम्न जानकारी को दर्ज किया जाना चाहिए। जिससे नमूने की सही पहचान के साथ ही नमूना जाँच रिपोर्ट में विशेषज्ञ द्वारा पाई गयी कमी को दूर करने के लिए जरूरी सुझाव भी प्राप्त हो सकें।

  1. किसान का नाम
  2. पूरा पता
  3. सर्वेक्षण संख्या
  4. खेत का नम्बर/ प्लॉट का नम्बर
  5. भूमि का प्रकार अर्थात किस्म
  6. पिछली फसल का नाम
  7. वर्तमान फसल का नाम
  8. नमूना लेने की तारीख
  9. किसान का मोबाइल नम्बर
  10. सर्वेक्षणकर्ता का नाम

मिट्टी का नमूना लेते समय किस प्रकार की सावधानी रखें? | What precaution needs to be taken while collecting soil sample?

एक खेत से एकत्रित किये गये मिट्टी के नमूनों को मिलाकर एक नमूना बनाना चाहिए। चूकिं यह एक नमूना पूरे खेत का प्रतिनिधित्व करता है, अतः मृदा परीक्षण के लिए नमूना लेते वक्त निम्न लिखित कुछ महत्वपूर्ण सावधानियों को अपनाने की जरूरत है-

  • नमूने को मैंड़ से दूरी बनाकर एकत्र करें।
  • मिट्टी में सूक्ष्म पोषक तत्वों की सही जानकारी प्राप्त करने के लिए नमूना लेने के लिए प्लास्टिक या लकड़ी के औजारों का ही प्रयोग करें, इसके अतिरिक्त किसी भी अन्य धातु का प्रयोग वर्जित है।
  • एक एकड़ क्षेत्रफल के लिए केवल एक ही नमूना लेना चाहिए।
  • एसे स्थान जहाँ पुरानी खाद रखी हो, सड़क किनारे की भूमि, पेड़ों के पास से मिट्टी का नमूना नहीं लेना चाहिए।
  • इसके अतिरिक्त उर्वरक के खाली बैंगों का प्रयोग भी नमूना लेने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
  • यदि नमूने में एकत्रित मिट्टी गीली हो अथवा उसमें नमी हो तो उसे केवल छाया में ही सुखाया जाना चाहिए।

तो किसान भाईयों इस प्रकार से आप अपने खेत की मिट्टी की जाँच कराने के लिए स्वयं ही नमूना ले सकते हैं, और नमूने की जाँच के लिए अपने नमूने को अपने नजदीकी मृदा परीक्षण प्रयोगशाला, कृषि विश्वविद्यालय अथवा कृषि विज्ञान केन्द्र में जाँच के लिए दे सकते हैं।

मृदा परीक्षण कराने से आप बंपर पैदावार कैसे ले सकते हैं? | How can you get the bumper yield after soil testing is done?

अब आप यह कहेंगे कि मिट्टी का नमूना लेने और उसकी जाँच कराने से हम बंपर पैदावार कैसे ले सकते हैं। आपके इस प्रश्न का एक सीधा सा जवाब यह है कि मिट्टी की जाँच कराने के बाद आपको अपने खेतों की मिट्टी का स्वास्थ्य पता चलता है।

आपकी मिट्टी में किस प्रकार के तत्वों की कमी है अथवा अधिकता है, आपकी मिट्टी की प्रकृति कैसी है? उसमें किस प्रकार के सुक्ष्म पोषक तत्वों की कमी है? सूक्ष्म जीवों की उपलब्धता, मिटटी की उत्पादकता आदि की जानकारी प्राप्त होती है।

इसके साथ ही आपको सबंधित समस्या को कैसे दूर किया जा सकता है इस विषय विषय पर पूर्ण समाधान भी प्राप्त होता है। इसके बाद जब आप अपनी मिट्टी की कमी को दूर कर फसल लगायेंगे तो आपको 100 प्रतिशत बंपर पैदावार जरूर मिलेगी।

(मृदा परीक्षण व नमूना एकत्रण से संबंधित यह जानकारी आपके लिए हमारे लेखक पंकज सिंह बिष्ट जी द्वारा संकलित कर आसान भाषा में उपलब्ध करायी गयी है। पंकज जी एक प्रशिक्षित कृषि उद्यमी एवं कृषि पत्रकार हैं जो उत्तराखण्ड के नैनीताल जनपद से आते हैं।)

तो दोस्तों आपको “मृदा परीक्षण व नमूना एकत्रण“ के बारे में दी गई यह जानकारी कैसी लगी हमें जरूर बताईये।

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आलेख:

baatpahaadki.com

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