इनकम टैक्स में छूट चाहिए तो इन योजनाओं में निवेश करें | Want Income tax rebate? So invest in these schemes

दोस्तों नमस्कार!

हर साल मार्च का महिना आते ही लोगों को अपने इनकम टैक्स रिटर्न भरने की चिन्ता सताने लगती है। वही हड़बड़ी में आप उन निवेश विकल्पों को खोजने लगते हैं, जिनसे आप टैक्स में छूट प्राप्त कर अपनी मेहनत की कमाई में से कुछ अधिक धनराशि बचा सकें।

मैंने अकसर देखा है कि लोग इसी हड़बड़ी और सही जानकारी के अभाव में गलत निवेश विकल्पों में निवेश कर लेते हैं। जिससे उन्हें टैक्स में छूट तो मिल जाती है, लेकिन बाद में पैसा गलत जगह फसने से उन्हें आर्थिक रूप से नुकसान उठाना पढ़ता है।

एक टैक्सपेयर यानि करदाता के लिए अच्छे से फायनेंशियल प्लानिंग करना बहुत जरूरत होता है। इसके लिए वित्त वर्ष की शुरूवात से ही टैक्स में अधिकतम छूट प्राप्त करने के लिए निवेश प्रारंभ करना होता है।

लेकिन अमूमन देखा जाता है कि टैक्सपेयर्स वित्तीय वर्ष के आंखरी महिनों तक निवेश को नजर अंदाज करते रहते हैं। वित्तीय वर्ष के आंखरी महिने में यह निर्णय आनन-फानन में ले लिया जाता है।

तो आप टैक्स व निवेश से जुड़ी ऊपर बताई गलतियां न करें और आपको निवेश की सही जानकारी मिल सके, इसके लिए हम आपको निम्न महत्वपूर्ण जानकारी देने जा रहे हैं।

यह जानकारी आपको अपने लिए एक अच्छी फायनेंशियल प्लानिंग करने और भविष्य में आपको और अमीर बनाने के लिए आपके पैसे को सही जगह निवेश करने में आपकी मदद करेगी।

टैक्स छूट पाने के लिए फायनेंशियल प्लानिंग करें

दोस्तों फायनेंशियल प्लानिंग करने से पहले आपको यह जानना जरूरी है, कि आप इनकम टैक्स के कौन से सेक्शन के तहत टैक्स में कितनी छूट प्राप्त कर सकते हैं। वह कौन सी निवेश योजनाऐं हैं जिसमें निवेश करने से आपको विभिन्न सेक्शन के तहत छूट मिलती है।

जिस योजना में आप निवेश कर रहे हैं उस योजना में निवेश करने पर जोखिम कितना है, इसका आंकलन करना भी बहुत जरूरी है। जिसके बाद आप अपने लिए सही निवेश योजना का विकल्प चुन सकते हैं।

एक करदाता जिसे हम टैक्सपेयर या टैक्स इंडिविजुवल भी कहते हैं, वह भारतीय आयकर अधिनियम की निम्न धाराओं के तहत विभिन्न योजनाओं में निवेश कर छूट प्राप्त कर सकता है।

धारा 80C एवं इससे संबंधित धाराओं 80CCC व 80CCD के तहत कितनी छूट मिलती है?

भारतीय आयकर अधिनियम की धारा 80C एवं इससे संबंधित धाराओं 80CCC व 80CCD के तहत कोई भी व्यक्ति और संयुक्त हिन्दु परिवार एक वित्तीय वर्ष में अधिकतम 150000 रूपये तक आयकर छूट प्राप्त कर सकते हैं। किन्तु यह छूट कॉर्पोरेटस्, पार्टनरशिप एवं कंपनी को नहीं मिलती है।

इन धाराओं के तहत आप पूरे वित्तीय वर्ष में जितनी धनराशि का निवेश करते हैं और जिसमें आप टैक्स छूट प्राप्त करना चाहते हैं। उस धनराशि को आपकी कुल आय में से कम कर दिया जाता है।

उदाहरण के लिए एक वित्तीय वर्ष में आपकी कुल आय 10 लाख रूपया है और आपने 80C और इससे संबंधित धाराओं के तहत 1.5 लाख रूपये की छूट के लिए क्लेम किया है, तो आपका इनकम टैक्स 8.5 लाख रूपये पर कैलकुलेट किया जायेगा।

80C के तहत छूट का लाभ देने वाली योजनाऐं

धारा 80C के तहत छूट का लाभ प्राप्त करने के लिए आप निम्न प्रकार की योजनाओं में निवेश कर सकते हैं-

  • निवेश योजनाऐंः ELSS म्यूचुअल फंड, यूनिट लिंक्ड बीमा पॉलिसी (ULIP)।
  • बीमा योजनाः टर्म इंश्योरेंस, एंडोमेंट बीमा
  • रिटायरमेंट बचत योजनाऐंः कर्मचारी भविष्य निधि (EPF), पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS)।
  • निश्चित आय प्रदान करने वाली योजनाऐंः नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC), किसान विकास पत्र (KVP), सुकन्या समृद्धि योजना (SSA), सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS), फिक्स डिपॉजिट (FDs)।
  • अन्य योजनाऐंः होम लोन के री-पेमैंट, बच्चों की ट्यूशन फीस का भुगतान, भवन किराया भुगतान।

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मेडिकल इंश्योरेंस में आयकर की धारा 80D के तहत मिलती है टैक्स में छूट

भारतीय आयकर अधिनियम की धारा 80D आपको अपने परिवार के लिए लिए गये मेडिकल इंश्योरेंस की प्रिमियम पर छूट प्राप्त करने विकल्प देती है।

इसके तहत आप मेडिकल इंश्योरेंस कराकर पारिवारिक सदस्यों को अचानक होने वाली स्वास्थ्य समस्या पर होने वाले छोटे-बड़े व्यय से बच सकते हैं।

अगर आपने अपने और अपने परिवार के लिए एक अच्छा मेडिकल इंश्योरेंस खरीदा है तो, आपके और आपके परिवार के किसी भी सदस्य के इलाज में होने वाले खर्च को इंश्योरेंस कंपनी उठाती है।

इस प्रकार आप अपने परिवार को स्वास्थ्य सुरक्षा प्रदान करने के साथ ही टैक्स छूट भी प्राप्त कर सकते हैं।

मेडिकल इंश्योरेंस में आयकर छूट की सीमा

मेडिकल इंश्योरेंस में आयकर छूट प्राप्त करने की निम्न तीन कंडीशन हैं-

1. परिवार के सदस्यों की आयु 60 वर्ष से कम होने परः

अगर आपकी और आपके परिवार के सभी सदस्यों (स्वयं, जीवनसाथी व बच्चे) की आयु 60 वर्ष से कम है तो आपको मेडिकल इंश्योरेंस की प्रिमियम पर 25000 रूपये तक टैक्स छूट मिलती है।

वही अगर आप अपने 60 वर्ष से कम आयु के माता-पिता के लिए भी मेडिकल इंश्योरेंस खरीदते हैं तो आपको उनके मेडिकल इंश्योरेंस के प्रिमियम पर अतिरिक्त 25000 रूपये की टैक्स छूट प्राप्त हो सकती है। इस प्रकार आप कुल 50000 रूपये तक के कुल डिडक्शन पर छूट क्लेम कर सकते हैं।

2. माता-पिता में से किसी की भी उम्र 60 वर्ष से अधिक होने परः

अगर आपके माता-पिता में से किसी की भी उम्र 60 वर्ष से अधिक है तो आपको उनके मेडिकल इंश्योरेंस के प्रिमियम पर 50000 रूपये तक की टैक्स छूट मिलती है।

इसके साथ ही स्वयं, जीवनसाथी व बच्चों के मेडिकल इंश्योरेंस के प्रिमियम पर 25000 रूपये की टैक्स छूट भी मिलेगी। इस प्रकार आप कुल 75000 रूपये की टैक्स छूट का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

3. परिवार में यदि सबसे बुजुर्ग व्यक्ति की उम्र 60 वर्ष से अधिक हो तोः

अगर एक परिवार में किसी बुजुर्ग सदस्य की उम्र 60 वर्ष से अधिक है तो भी आप उनके मेडिकल इंश्योरेंस के प्रिमियम पर 50000 रूपये तक की टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं।

इसमें अगर स्वयं, जीवनसाथी व बच्चों के अतिरिक्त माता-पिता की उम्र 60 वर्ष से अधिक है तो उनके लिए भी मेडिकल इंश्योरेंस के प्रिमियम पर 50000 रूपये की टैक्स में छूट मिल सकती है। इस प्रकार एक वित्तीय वर्ष में आप 100000 रूपये तक की टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं।

दोस्तो इस प्रकार से आप अपनी पसंद से टैक्स में छूट प्राप्त करने के लिए उक्त में से किसी भी योजना का चुनाव निवेश के लिए कर सकते हैं। आप एक साथ कई योजनाओं में निवेश कर अपने निवेश में विभिन्न प्रकार के लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं।

अगर आप ऊपर बतायें गये निवेश विकल्पों के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो हमें निचे दिये गये कमेंट बॉक्स में लिखें। अगर आप हमारे एक्सपर्ट से अपना फायनेशियल पोर्टफोलियों प्लान कराना चाहते हैं तो हमें ईमेल करें।

तो दोस्तों आपको “इनकम टैक्स में छूट प्राप्त करने सम्बन्धित” यह जानकारी कैसी लगी हमें जरूर बताईये।

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