किसान फिर भगवान
किसान फिर भगवान कोरोना संकट से चल रही जद्दोजहद मालूम नहीं कब विराम लेगी। लेकिन इस लॉकडाउन ने यह साफ समझा दिया कि जीवन की असल आवश्यकताए बहुत सीमित हैं। पिछले 4 सप्ताह से हमको केवल खाने और भूख मिटाने की चिन्ता रही है। गाड़ी, बंगला, घूमना, नौकरी, शॉपिंग, पार्टी, उत्सव सब भुला दिया परिस्थितियों …